बस तेरे ही सहारे !!!
हमने ख्वाबो में बनाया था घरोंदा अपना .
तोड़ डाला आखिर तुने तो भरोसा अपना .
लौट कर हमको जब तेरे ही पास आना था ,
तुने हमको बनाया क्यों खिलौना अपना
पुतिल्या तेरी डोर तेरी नाच भी तेरा ,
क्यों दिखता है सबको यु तमाशा अपना .
जो मुक़द्दर में लिखा है मिलना नहीं है उसके सिवा ,
तुने पहले से ही जो लिख रखा है खाता अपना .
हमतो दरवेश है तू बादशाह है सबसे बड़ा ,
देदे हमको भी पनाह ज़रा फैलाले अहाता अपना .
हमतो ज़र्रे है तू है काएनात का मालिक ,
खाली होगा जब मकाँ तो मांगेगा किराया अपना .
आरिफ जाओ सुपुर्द करदो अपना सब कुछ उसके हाथ ,
वो मुहाफ़िज़ है बचा ले जायेगा शीशा अपना
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