शुक्रवार, 25 जून 2010

BAS TERE HI SAHARE






बस तेरे ही सहारे !!!


हमने  ख्वाबो  में  बनाया  था  घरोंदा  अपना .  
तोड़  डाला  आखिर  तुने  तो  भरोसा  अपना .

लौट  कर  हमको  जब  तेरे  ही  पास  आना  था ,
तुने  हमको  बनाया  क्यों  खिलौना  अपना

पुतिल्या  तेरी  डोर  तेरी  नाच  भी  तेरा ,
क्यों  दिखता  है  सबको  यु  तमाशा  अपना .

जो  मुक़द्दर  में  लिखा  है   मिलना  नहीं  है  उसके  सिवा ,
तुने  पहले  से  ही  जो  लिख  रखा  है  खाता  अपना .


हमतो  दरवेश  है  तू  बादशाह है  सबसे  बड़ा ,
देदे  हमको  भी  पनाह  ज़रा  फैलाले अहाता  अपना .

हमतो  ज़र्रे  है  तू  है  काएनात  का  मालिक ,
खाली  होगा  जब  मकाँ तो  मांगेगा  किराया  अपना .

आरिफ  जाओ  सुपुर्द  करदो  अपना  सब  कुछ  उसके  हाथ ,
वो  मुहाफ़िज़  है  बचा  ले  जायेगा  शीशा  अपना