सोमवार, 17 मई 2010

baat bahut chotee se


बात बहुत छोटी सी


बहुत बख्शा है ज़िन्दगी में हमें, 
कुछ तो उसके लिए जमा कीजे. 
ज़िक्रे अल्लाह में ज़िन्दगी बीते, 
आप मेरे लिए दुआ कीजे . 


उसकी तस्बीह के तरीके है हज़ार, 
सिर्फ अल्ल्लाह अल्लाह नहीं किया कीजे. 
नेक आमालों का वो आशिक है,
दिल से फरमानों पर चला कीजे.


गर उससे लो लगनी है तुम्हे ,
सिर्फ पाकीज़ा ही रहा कीजे. 
उसने बख्शी है नमाज़ की दौलत,
आप पाबन्दी से अदा कीजे. 


ये जो दुनिया है एक कसोटी है, 
इस पर कुछ इस तरह चला कीजे. 
तुम मोहम्मद के हमक़दम होकर, 
बात कुरान की  सुना कीजे.


परखे जाओ जो रोज़े महशर तुम, 
खरे उतरों यही दुआ कीजे.
मेरा अल्लाह जिसमें  राजी हो, 
ऐसा जीने  का सिलसिला कीजे. 


हम्दो सना मेरी कुबूल हो जाए, 
हाथ उठाकर ये इल्तिजा कीजे. 
हम गुनाहगार तू बड़ा बख्शने वाला,
आजीजी  से यही कहा कीजे.


बात आरिफ की छोटी छोटी सी,
तुम बड़े गोर से सुना कीजे. 
इस में सब मसलहत है पोशीदा, 
हरगिज़ इसको न अनसुना कीजे.